vishvadhika
Saturday, 10 October 2009
mere ghar ayee ik nanhi pari ....
उसके आने से मेरे आंगन में, खिल उठे फूल मुस्कुराई बहार, देख कर उसको जी नहीं भरता, चाहे देखूं उसे हजारों बार.
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